विधार्थियों को फ्रेंच पढ़ाना

 

 

     विधार्थियों की वर्तनी कैसे सुधारी जाये

 

 अब यह पुस्तक के रूप मे उपलब्ध है ।
 

२९७


साधारणतः, वर्तनी के लिये, आंखों की सहायता लेनी चाहिये । हर एक शब्द का अपना रूप होना चाहिये जिसे आंख याद रख सके । मानसिक स्मरणशक्ति की अपेक्षा दिष्टि की स्मरणशक्ति ज्यादा उपयोगी होती हैं । बहुत पढ़ना चाहिये-देखना, देखना, - .बोर्ड पर, किताबों में, चित्रों में देखना ।

 

    शैली लिंग और व्याकरण के लिये भी, पढ़ना, बहुत पढ़ना ही सबसे अच्छा हैं । इस तरह सब. कुछ अवचेतना मे पैठ जाता हैं । सीखने का यह सबसे अच्छा तरीका हैं !

 

(जनवरी १९६२)

 

 परीक्षाओं के विषय में

 

   परीक्षाएं तुम्हें बच्चे को पंडिताऊ मूल्य बताने के लिये उपयोगी हैं, लेकिन उसका असली मूल्य बताने के लिये नहीं ।

 

  जहांतक बच्चे के असली मूल्य का सवाल है, किसी और चीज को खोजना है, लेकिन यह बाद में आयेगी और उसका स्वरूप भी अलग होगा ।

 

  में  पंडिताऊ मूल्य के नहीं असली मूल्य को नहीं खड़ा करती; दोनों एक हीं व्यक्ति में एक साथ मौजूद हो सकते हैं, लेकिन यह काफी विरल तथ्य हैं और असाधारण प्रकार के लोगों को उत्पन्न करता है ।

 

(१९६२)

 

*

 

    (स्कूल मे फ्रेंच के बारे में किसी अध्यापिका की बिद्र के हाशिये पर माताजी की टिप्पणियां ! विधार्थी कार्यपत्र लेकर काम कर रहे  थे !)

 

    विधार्थी फ्रेंच मैं प्रगति क्यों नहीं करते एक्का पक कारण यह है कि अध्यापक उनका संशोधन नहीं करते

 

 बहुत सच्ची बात है ।

 

     ... कार्यपत्र का काम तमी उपयोगी होगा जब यथार्थ संशोधन हों !

 

बहुत अच्छी बात है ।

 

     अध्यापकों और बच्चों के लाभ के लिये सभी का संशोधित रुप बनाने लगी हूं !

 

२९८


बहुत अच्छी बात हैं ।

 

      यह जरूरी है कि अध्यापक एक बार ये संशोधन देख जायें...

 

 जरूर, एक बार सें ज्यादा ।

 

     ... ताकि बे अपनी गलतियों के प्रति सचेतन हों

 

 हां, उन्हें खास जरूरत है ।

 

    काम करते समय अगर बच्चे के हाथ मे यह संशोधित रूप हो तो अच्छा होगा !

 

 हां, यह बहुत उपयोगी है ।

 

     केवल  मूलों की नीचे लकीर खींच देने से बच्चा कुछ नहीं सीखता !

 

 सच हैं ।

 

   मुझे डर है कि अध्यापकों के हित के लिये मैं जो संशोधित झप बनाती हूं बे  मल्ली-भाव के साथ दराज़ों में ही पड़े रहने हैं...

 

 यह वीभत्स है!

 

    अगर ऐसा ही है तो साल के अंत मे बच्चे बहुत-सा काम तो कर्कर चुके होत्री लेकिन उसका कोई लाभ न होगा

 

 बिलकुल ठीक । लगभग सभी अध्यापक, कुछ अपवादों को छोड्कर, विद्यार्थियों से भी ज्यादा आलसी होते हैं ।

 

    मेरा ख्याल है इस सा फ्रेंच. भाषा को लेकर मैं आपको ऊबा रही हूं !

 

 नहीं, तुम मुझे ऊबा नहीं रही, तुम्हारी बात ठीक है ।

 

''मुझे लगता है कि कितने ही बच्चों की सद्भावना में मिल जाती है क्योंकि कक्षा का वातावरण अच्छा भले हरे पर काम बहुत कम उपयोगी होता है और आवश्यक काम होता ही नहीं! ''

 

(२५ दिसम्बर, १९६२)

 

हां !

(५)

 

२९९